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रास ब्रज दाेऊ अखण्ड

रास ब्रज दाेऊ अखण्ड, कर चेतन बुद्धि फिरे मन ।

ए ब्रहमाण्ड तीसरा, जहाँ माेहम्मद अाये राेशन ।।

काक चेष्टा, बको ध्यानं, श्वान निंद्रा तथैव च । अल्पाहारी, सदाचारी एतद विद्यार्थिन पंच लक्षणं ।।...read more

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